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खण्डन_भव_बन्धन जग_वन्दन वन्दि तोमाय ।
निरञ्जन नररूपधर निर्गुण गुणमय ॥१॥
मोचन_अघदूषण जगभूषण चिद्घनकाय ।
ज्ञानाञ्जन_विमल_नयन वीक्षणे मोह जाय ॥२॥
भास्वर भाव_सागर चिर उन्मद प्रेम_पाथार ।
भक्तार्जन_युगलचरण तारण_भव_पार ॥३॥
भक्तार्जन_युगलचरण तारण_भव_पार ॥३॥
जृंभित_युग_ईश्वर जगदीश्वर योगसहाय ।
निरोधन समाहित_मन निरखि तव कृपाय ॥४॥
निरोधन समाहित_मन निरखि तव कृपाय ॥४॥
भञ्जन_दुःखगञ्जन करुणाघन कर्मकठोर ।
प्राणार्पण_जगत_तारण कृन्तन_कलिडोर ॥५॥
प्राणार्पण_जगत_तारण कृन्तन_कलिडोर ॥५॥
वञ्चन_कामकाञ्चन अतिनिन्दित_इन्द्रिय_राग ।
त्यागीश्वर हे नरवर देह पदे अनुराग ॥६॥
त्यागीश्वर हे नरवर देह पदे अनुराग ॥६॥
निर्भय गतसंशय दृढनिश्चयमानसवान ।
निष्कारण भकत_शरण त्यजि जातिकुलमान ॥७॥
निष्कारण भकत_शरण त्यजि जातिकुलमान ॥७॥
सम्पद तव श्रीपद भव गोष्पद_वारि यथाय ।
प्रेमार्पण समदरशन जगजन_दुःख जाय ॥८॥
प्रेमार्पण समदरशन जगजन_दुःख जाय ॥८॥
नमो नमो प्रभु वाक्यमनातीत
मनोवचनैकाधार
ज्योतिर ज्योति उजल हृदिकन्दर
तुमि तमोभञ्जनहार ॥९॥
मनोवचनैकाधार
ज्योतिर ज्योति उजल हृदिकन्दर
तुमि तमोभञ्जनहार ॥९॥
धे धे धे लंग रंग भंग बाजे अंग संग मृदंग
गाइछे छन्द भकतवृन्द आरति तोमार ॥
जय जय आरति तोमार
हर हर आरति तोमार
शिव शिव आरति तोमार ॥१०॥
गाइछे छन्द भकतवृन्द आरति तोमार ॥
जय जय आरति तोमार
हर हर आरति तोमार
शिव शिव आरति तोमार ॥१०॥